मध्यप्रदेश/आगर मालवा/MKT LIVE NEWS(गिरिराज बंजारिया)। “ऑपरेशन मुस्कान” के अंतर्गत जिलेभर में संचालित 30 दिवसीय बाल सुरक्षा एवं जागरूकता अभियान का समापन 1 दिसंबर सोमवार को थाना कोतवाली आगर परिसर में आयोजित मुख्य समारोह के साथ संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनके साथ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रविन्द्र कुमार बोयट, एसडीओपी आगर मोतीलाल कुशवाहा, थाना प्रभारी कोतवाली निरीक्षक शशि उपाध्याय, निरीक्षक अक्षय बेस, सूबेदार जगदीश यादव, उपनिरीक्षक राखी गुर्जर, कोतवाली पुलिस स्टाफ, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय आगर की छात्राएँ तथा सामाजिक संगठन अहिंसा वेलफेयर एवं जनसाहज एनजीओ के कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत में थाना प्रभारी शशि उपाध्याय ने अभियान की रूपरेखा और इसकी जिलेव्यापी गतिविधियों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया तथा कहा कि पुलिस विभाग का उद्देश्य बच्चों तक सुरक्षा, जागरूकता और संवेदनशीलता से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ सहज भाषा में पहुँचाना है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार सिंह ने अपने विस्तृत उद्बोधन में कहा कि “ऑपरेशन मुस्कान” पुलिस का केवल कानून आधारित कार्यक्रम नहीं, बल्कि बच्चों की सुरक्षा, संवेदनशीलता और जागरूकता के प्रति पुलिस बल की गहरी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि पिछले 30 दिनों में जिले के शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के 70 से अधिक विद्यालयों में पहुँचकर लगभग 22,000 बच्चों तक पुलिस ने सीधे संपर्क स्थापित किया, जो जिले में बाल सुरक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि डिजिटल युग में बच्चों की सुरक्षा के स्वरूप में बड़ा परिवर्तन आया है और आधुनिक समय के खतरे पारंपरिक अपराधों से कहीं अधिक जटिल हैं। फर्जी लिंक, अजनबी वीडियो कॉल, डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड, ऑनलाइन ब्लैकमेलिंग, साइबर बुलिंग, गेमिंग ऐडिक्शन और सोशल मीडिया चुनौतियाँ आज बच्चों के लिए सबसे बड़े जोखिम बनकर सामने आई हैं। इन परिस्थितियों में जागरूकता ही बच्चे की सबसे बड़ी सुरक्षा ढाल बन जाती है।
एसपी सिंह ने छात्राओं से अपील की कि वे किसी भी संदिग्ध कॉल, लिंक या संदेश पर प्रतिक्रिया न दें और यदि किसी प्रकार की परेशानी आती है तो तत्काल 112, 1098 या 1930 जैसे हेल्पलाइन नंबरों का उपयोग करें। उन्होंने “गुड टच–बैड टच” की अनिवार्य समझ और “पॉक्सो एक्ट” के सख्त प्रावधानों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि बच्चों को असहज स्थितियों की पहचान करने और निर्भीक होकर रिपोर्ट करने की आवश्यकता है। उन्होंने नशे, गलत संगत, मोबाइल की लत और ऑनलाइन भ्रमित करने वाली सामग्री से दूर रहने की सलाह दी और कहा कि स्कूल, परिवार और पुलिस—तीनों मिलकर ही बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण का निर्माण कर सकते हैं। एसपी ने जोर देते हुए कहा कि बालिकाओं की सुरक्षा केवल कानून व्यवस्था का मुद्दा नहीं, बल्कि समाज के सम्मान और प्रगति से जुड़ा विषय है।
कार्यक्रम के दौरान शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं ने भी मंच पर आकर अभियान के प्रति अपने अनुभव साझा किए और बताया कि इस 30 दिवसीय जागरूकता श्रृंखला से उन्हें न केवल सुरक्षा संबंधी जानकारी मिली, बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ा। समापन सत्र में पुलिस अधीक्षक ने “ऑपरेशन मुस्कान” में सक्रिय रूप से भाग लेने वाली छात्राओं को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। इसी के साथ, अभियान के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाले पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को भी सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया।
आगर मालवा पुलिस ने कहा कि “ऑपरेशन मुस्कान” भले ही औपचारिक रूप से आज समाप्त हो रहा है, लेकिन बच्चों की सुरक्षा, जागरूकता और संवेदनशीलता के प्रति पुलिस की जिम्मेदारी निरंतर जारी रहेगी। पुलिस का लक्ष्य स्पष्ट है—“हर बच्चा सुरक्षित, जागरूक और आत्मविश्वासी बने।”