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डीआईजी ने आगर पुलिस लाइन व थानों का किया वार्षिक निरीक्षण, कानून व्यवस्था, आधुनिक पुलिसिंग और वेलफेयर पर दिए अहम निर्देश

सैनिक सम्मेलन में सुनी समस्याएँ, अपराध समीक्षा बैठक में दिखा सख्त रुख

गोल्डन आवर, जनता से व्यवहार एवं साइबर शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई के निर्देश

कानड़ व कोतवाली थानों में मालखाना, सीसीटीवी, रिकॉर्ड व हवालात की गहन जांच
मध्यप्रदेश/आगर मालवा/MKT LIVE NEWS(गिरिराज बंजारिया)। उज्जैन रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक नवनीत भसीन ने 25 नवंबर मंगलवार को आगर पुलिस लाइन में वार्षिक निरीक्षण किया। कार्यक्रम की शुरुआत सलामी, प्लाटून निरीक्षण, मार्च-पास्ट तथा आर्म्स एवं वाहन सामग्री की जाँच से हुई। इस अवसर पर सामग्री एवं संसाधनों की उपलब्धता एवं तैयारी को संतोषजनक पाया गया। इस अवसर पर प्रस्तुत परेड का नेतृत्व परेड कमांडर सूबेदार जगदीश यादव ने किया, जिनकी उत्कृष्ट कमान और अनुशासित परेड से प्रभावित होकर डीआईजी ने उन्हें ₹500 का नगद पुरस्कार प्रदान किया।

परेड के पश्चात डीआईजी ने नवग्रह वाटिका का उद्घाटन किया, मातृकुंज वाटिका का अवलोकन कर पौधारोपण किया। इसके अलावा उन्होंने एमटी परेड, तथा क्वार्टर गार्ड का भी निरीक्षण किया और व्यवस्थाओं की सराहना की।

इसके बाद आयोजित सैनिक सम्मेलन में डीआईजी ने सभी अधिकारी–कर्मचारियों से संवाद स्थापित किया, उनकी समस्याएँ सुनीं तथा व्यावहारिक सुझाव प्राप्त किए। उन्होंने वेलफेयर, आवास, संसाधन एवं कार्य परिस्थितियों से जुड़े मुद्दों के त्वरित निराकरण हेतु निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान डीआईजी ने पुलिसकर्मियों की फिटनेस, मानसिक स्वास्थ्य एवं ड्यूटी प्रबंधन पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी अपनी दिनचर्या, व्यायाम और स्वास्थ्य का स्वयं ध्यान रखें।

टेक्नोलॉजी आधारित पुलिसिंग को बढ़ावा देते हुए उन्होंने E-Rakshak ऐप में सूचनाओं की नियमित फीडिंग और E-Sakshya में साक्ष्यों को डिजिटल रूप से संधारित करने के निर्देश दिए।

डीआईजी ने NAFIS प्रणाली के अत्यधिक महत्व को रेखांकित करते हुए सभी गिरफ्तार आरोपियों की फिंगरप्रिंट प्रविष्टि अनिवार्य करने की बात कही। उन्होंने साइबर अपराधों के निपटान पर विशेष रूप से बल देते हुए निर्देश दिया कि 1930 हेल्पलाइन पर प्राप्त शिकायतों का त्वरित फॉलोअप हो, तथा किसी भी पीड़ित को अनावश्यक परेशान न किया जाए।

सड़क दुर्घटनाओं के संदर्भ में उन्होंने कहा कि ‘गोल्डन आवर’ के भीतर घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुँचाना पुलिस की प्राथमिक जिम्मेदारी है, जिससे उसकी जान बचाई जा सकती है। जनता से पुलिसकर्मियों के व्यवहार को लेकर उन्होंने शालीन, संवेदनशील और सहयोगपूर्ण रवैया अपनाने के निर्देश दिए। बीट प्रभारी एवं बीट आरक्षकों को क्षेत्र में संदिग्ध गतिविधियों, बाहरी व्यक्तियों एवं सुरक्षा से जुड़ी जानकारी समय पर संकलित कर थाने को अवगत कराने को कहा।

इसके पश्चात डीआईजी कोतवाली थाना परिसर पहुँचे, जहाँ उन्होंने दिशा लर्निंग सेंटर का भ्रमण करते हुए इसकी कार्यप्रणाली और पुलिसकर्मियों के कौशल-विकास में इसकी उपयोगिता की सराहना की। उन्होंने राहवीर योजना रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।यह रथ LED स्क्रीन से सुसज्जित है, जो शहर में भ्रमण कर नागरिकों को यातायात एवं सुरक्षा संबंधी जागरूकता प्रदान करेगा। तत्पश्चात डीआईजी ने निर्माणाधीन कंट्रोल रूम का अवलोकन किया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

इसके बाद पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुँचकर उन्होंने सभी शाखाओं का निरीक्षण किया, रिकॉर्ड एवं कार्यप्रणाली की समीक्षा की, तथा आवश्यक सुधार संबंधी निर्देश दिए। इसी क्रम में आयोजित वार्षिक अपराध समीक्षा बैठक में जिले के सभी थानों के लंबित, गंभीर एवं महत्वपूर्ण प्रकरणों की समीक्षा करते हुए त्वरित और गुणवत्तापूर्ण विवेचना, हिस्ट्रीशीटरों की निगरानी, VCNB अद्यतन, महिला सुरक्षा एवं प्रतिबंधात्मक कार्रवाई को और प्रभावी बनाने के निर्देश दिए गए।

अंत में डीआईजी ने थाना कानड़ एवं थाना कोतवाली आगर का निरीक्षण किया। यहाँ उन्होंने मालखाना, हवालात, सीसीटीवी निगरानी प्रणाली, अपराध एवं VCNB रजिस्टर, लंबित प्रकरणों और अभिलेख संधारण का विस्तृत परीक्षण किया। उन्होंने थानों की स्वच्छता, दस्तावेजी प्रक्रिया, रिकॉर्ड प्रबंधन एवं फरार आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु काँबिंग गश्त को सुदृढ़ करने के निर्देश दिए। डीआईजी ने कोतवाली निरीक्षण के दौरान विवेचकों से विवेचना से संबंधित प्रश्नोत्तर भी किए। विवेचना कार्य में उत्कृष्ट जानकारी एवं दक्षता प्रदर्शित करने पर उपनिरीक्षक संजय गुनेरा एवं सहायक उपनिरीक्षक अजय सूर्यवंशी को डीआईजी महोदय द्वारा ₹500–₹500 के नगद पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया।

वार्षिक निरीक्षण परेड कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रविन्द्र कुमार बोयट, एसडीओपी आगर मोतीलाल कुशवाहा, एसडीओपी सुसनेर देवनारायण यादव, डीएसपी लाइन रघुनाथ खातरकर, सभी थाना/चौकी प्रभारी एवं लगभग 200 पुलिस अधिकारी–कर्मचारी उपस्थित रहे।

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