मध्यप्रदेश/आगर मालवा/MKT LIVE NEWS(गिरिराज बंजारिया)। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) और मध्यस्थता एवं सुलह परियोजना समिति (एमसीपीसी) के निर्देशों के 1 जुलाई से 7 अक्टूबर 2025 तक ’राष्ट्र के लिए मध्यस्थता’ नामक एक विशेष अखिल भारतीय अभियान शुरू किया गया। इस 90 दिवसीय गहन अभियान का उद्देश्य राज्य भर में तालुका न्यायालयों से लेकर उच्च न्यायालयों तक न्यायपालिका के सभी स्तरों पर मध्यस्थता के माध्यम से लंबित मामलों का निपटारा करना था।
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एवं मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मुख्य संरक्षक न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की प्रेरणा से तथा मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष माननीय न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन के कुशल मार्गदर्शन में, यह अभियान न्यायालयों में लंबित मामलों को उचित ढंग से सुलझाने तथा मध्य प्रदेश के हर कोने में विवाद समाधान के अनुकूल तरीके के रूप में मध्यस्थता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चलाया गया।
अभियान के दौरान, सम्पूर्ण मध्य प्रदेश में मध्यस्थता के माध्यम से कुल 4,552 मामलों का सफलतापूर्वक निपटारा किया गया, जिनमें काफी संख्या में लंबे समय से लंबित पुराने मामले भी शामिल थे। जिला आगर मालवा में भी उक्त अभियान के अन्तर्गत कुल 118 मामले मध्यस्थता के माध्यम से प्रशिक्षित मध्यस्थ न्यायाधीश एवं अधिवक्ता के द्बारा निपटाए गए। इन मामलों में वैवाहिक विवाद, दुर्घटना दावे, घरेलू हिंसा, पारिवारिक विवाद, चेक बाउंस मामले, आपराधिक समझौता योग्य मामले, ऋण वसूली, बंटवारा, बेदखली, भूमि अधिग्रहण और अन्य संबंधित दीवानी मामले शामिल थे।
उल्लेखनीय है कि ’राष्ट्र के लिए मध्यस्थता’ अभियान, नालसा और सर्वोच्च न्यायालय की मध्यस्थता एवं सुलह परियोजना समिति (एमसीपीसी) द्वारा 1 जुलाई, 2025 से शुरू होने वाला एक राष्ट्रव्यापी 90-दिवसीय अभियान है। इसका उद्देश्य मध्यस्थता के माध्यम से लंबित मामलों के समाधान में तेजी लाना और लागत-कुशल तथा समय-बचत विवाद समाधान तंत्र के रूप में इसकी प्रभाव शीलता के बारे में जन जागरूकता बढ़ाना है। यह अभियान तालुका से लेकर उच्च न्यायालयों तक सभी न्यायालय स्तरों पर लागू किया जा रहा है और वैवाहिक, दुर्घटना, दीवानी, फौजदारी और उपभोक्ता विवादों जैसी पात्र श्रेणियों को कवर करता है, जिसमें भागीदारी के ऑनलाइन, ऑफलाइन और हाइब्रिड तरीके उपलब्ध हैं। यह अभियान विवादों को सुलझाने, अदालतों पर बोझ कम करने और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने में मध्यस्थता, संवाद और सहयोग की शक्ति को प्रदर्शित करता है।