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भगवान बिरसा मुंडा शौर्य एवं पराक्रम के प्रतीक - मंत्री इंदर सिंह परमार

आगर जिले में धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150 वीं जयंती भव्य रूप मनाई 
मध्यप्रदेश/आगर मालवा/MKT LIVE NEWS(गिरिराज बंजारिया)। भगवान बिरसा मुंडा शौर्य एवं पराक्रम के प्रतीक है।उन्होंने अंग्रेजों  के विरुद्ध स्वतंत्रता के संघर्ष का शंखनाद किया और समाज को संगठित कर राष्ट्र के लिए बलिदान देने वाले स्वाधीनता सेनानी तैयार किए। यह बात धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150 वीं जयंती,  राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस पर शनिवार को आगर मालवा जिले में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मध्य प्रदेश शासन, के उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष विभाग मंत्री इंदर सिंह परमार ने बतौर मुख्य अतिथि कही।  सामुदायिक भवन, गांधी उपवन में आयोजित समारोह में मंत्री परमार ने जनजातीय गौरव भगवान बिरसा मुंडा जी के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। सभी को भगवान बिरसा मुंडा जी की जन्म जयंती की शुभकामनाएं एवं बधाई दीं। कार्यक्रम स्थल पर राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के उद्बोधन का सीधा प्रसारण देखा और सुना गया। स्कूली छात्र-छात्राओं द्वारा आदिवासी संस्कृति से ओत प्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रम की रंगारंग प्रस्तुति दी गई।
      इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मुन्नाबाई चौहान, विधायक मधु गहलोत, कलेक्टर श्रीमती प्रीति यादव, जिला अध्यक्ष ओम मालवीय,पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार सिंह, गोविंद सिंह बरखेड़ी, दिलीप सकलेचा, मयंक राजपूत, अजय जैन, भरत प्रजापत, दिनेश परमार, भेरूसिंह चौहान, संतोष गोयल, प्रहलाद सिंह चौहान, श्रीमती रेखा यादव, मुकेश केलकर, मेहरबान सिंह, सूरज सिंह परिहार, राजेंद्र, अंतर सिंह, भिलाला, सुरेश बैरागी, महेश शर्मा, हरिनारायण यादव सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण मंचासिन रहे।
       मंत्री परमार ने कहा कि भारत क्रांतिकारीयो एवं महापुरुषों की भूमि है। क्रांति सूर्य भगवान बिरसा मुंडा ने मातृभूमि के गौरव और सम्मान की रक्षा के लिये अपना सर्वस्व बलिदान दिया। उन्होंने आदिवासी समाज को जल, जंगल और जमीन के अधिकार दिलाने के लिए अंग्रेजी हुकूमत के अत्याचारों के विरुद्ध सशक्त संघर्ष किया। बचपन से ही अन्याय के विरुद्ध खड़े होने की चेतना उनमें जागृत हो चुकी थी। केवल 15 वर्ष की आयु में उन्होंने जनजातीय समाज के सम्मान और अधिकारों की रक्षा हेतु आंदोलन प्रारंभ किया। 25 वर्ष की अल्पायु तक उन्होंने क्रांति की अलख पूरे देश में जगाई और 'धरती और जल पर हमारा अधिकार हो' ये संदेश गांव-गांव तक पहुंचाया। भगवान बिरसा मुंडा का शौर्य एवं पराक्रम से समृद्ध अल्पायु जीवन, प्रेरणादायक एवं अनुकरणीय है। परमार ने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस, केवल जनजातीय समाज के गौरव का ही दिवस नहीं बल्कि हम सभी के लिए गौरव का अवसर है।
        विधायक मधु गहलोत ने कहा कि जनजाति समाज का इतिहास और संस्कृति गौरवशाली है। अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की लड़ाई में जनजाति समाज का बड़ा योगदान है। जनजाति समाज के जननायको ने अपना सर्वस्व बलिदान देकर मातृभूमि के गौरव और सम्मान की रक्षा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा जनजाति समाज के विकास और कल्याण के कार्यों में कोई कमी नहीं रखी जा रही है। समाज के कल्याण के लिए निरंतर कार्य किए जा रहे है।
    जिलाध्यक्ष ओम मालवीय ने कहा कि अमर सेनानी, महानायक भगवान बिरसा मुंडा गौरव और आत्मसम्मान के प्रतीक हैं। धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा ने अपने अदम्य साहस, संघर्ष और श्रेष्ठ कर्मों से जन-जन के हृदय में अमिट छाप छोड़ी है। उनके जीवन से युवाओं को निरंतर प्रेरणा मिलती है। वह असाधारण व्यक्तित्व थे, जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता।
    कार्यक्रम में  अपर कलेक्टर आरपी वर्मा,   एसडीओपी मोतीलाल कुशवाहा,  एसडीएम आगर मिलिंद ढोके डिप्टी कलेक्टर श्रीमती किरण बरबड़े जिला संयोजक, जनजाति कार्य विभाग  शेखर उईके सहित गणमान्य नागरिक, शासकीय सेवक, पत्रकार, विद्यार्थिगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन शरद बांसिया ने किया और आभार आदिम जाति कल्याण विभाग के राकेश शर्मा ने माना।

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