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होटल मधुबन में सीपीआर/बीएलएस प्रशिक्षण का सफल आयोजन, 200 से अधिक पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों ने लिया लाइव प्रशिक्षण

सभी थाना प्रभारियों की उपस्थिति में विशेषज्ञ डॉक्टरों ने अधिकारियों को लेटाकर कराया व्यावहारिक डेमो,पुलिस अधीक्षक ने भी स्वयं किया CPR अभ्यास
मध्यप्रदेश/आगर मालवा/MKT LIVE NEWS(गिरिराज बंजारिया)। पुलिस मुख्यालय भोपाल एवं पुलिस परिवहन शोध संस्थान (PTRI) के निर्देशों के तहत तथा पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार सिंह के नेतृत्व में 19 नवंबर बुधवार को होटल मधुबन, आगर में CPR (Cardio Pulmonary Resuscitation) एवं BLS (Basic Life Support) का एक दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पुलिस बल को सड़क दुर्घटनाओं, हृदय गति रुकने तथा अन्य आपात परिस्थितियों में तुरंत जीवनरक्षक सहायता प्रदान करने में सक्षम बनाना है।

प्रशिक्षण में डॉ. निलेश मंगल एवं डॉ. सूरज विश्वकर्मा ने मुख्य प्रशिक्षक के रूप में शामिल होकर पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को वास्तविक परिस्थितियों के अनुरूप प्रशिक्षण प्रदान किया। विशेष रूप से यह प्रशिक्षण डमी पर नहीं बल्कि पुलिस अधिकारी–कर्मचारियों को लेटाकर, उनके ऊपर वास्तविक CPR प्रक्रिया का लाइव अभ्यास कराते हुए दिया गया, ताकि सभी प्रतिभागी तकनीक की सही विधि को प्रत्यक्ष रूप से समझ सकें। डॉक्टरों ने छाती दबाव की सही गति एवं गहराई, साँस देने की विधि, choking की स्थिति, cardiac arrest में त्वरित प्रतिक्रिया, recovery position, एवं आपातकालीन चिकित्सा से संबंधित सभी महत्वपूर्ण सावधानियाँ विस्तार से बताईं।

“CPR प्रशिक्षण से आपका एक सही कदम किसी की ज़िंदगी और एक परिवार की उम्मीद बन सकता है”_ पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार सिंह

अपने उद्बोधन में पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार सिंह ने “Golden Hour” की अवधारणा पर विशेष जोर देते हुए कहा कि दुर्घटना या हृदय गति रुकने की स्थिति में शुरुआती एक घंटा व्यक्ति की जान बचाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। यदि इस अवधि में सही तकनीक से CPR दिया जाए तो पीड़ित के जीवित बचने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि “पुलिस अक्सर घटनास्थल पर सबसे पहले पहुँचती है। यदि पुलिसकर्मी CPR जैसी जीवनरक्षक तकनीक में दक्ष होंगे, तो असंख्य लोगों की जान बचाई जा सकती है।”

पुलिस अधीक्षक ने चिकित्सा दल की उपस्थिति में स्वयं CPR प्रक्रिया का अभ्यास (डेमो) भी किया और प्रतिभागियों को प्रेरित किया कि वे भी इस तकनीक को पूर्ण कौशल के साथ सीखें तथा वास्तविक परिस्थितियों में भयमुक्त होकर इसका उपयोग करें। उन्होंने कहा कि पुलिस का यह प्रशिक्षण केवल उनकी पेशेवर क्षमता को नहीं बढ़ाता, बल्कि समाज के प्रति उनकी संवेदनशीलता और सेवा भावना को भी मजबूत करता है।

इस प्रशिक्षण में पूरे जिले के थाना प्रभारी कोतवाली आगर, कानड़, बड़ौद, नलखेड़ा, सुसनेर, सोयत, महिला थाना, AJK थाना तथा यातायात थाना प्रभारी ने सक्रिय भागीदारी की।

उनके साथ जिला पुलिस लाइन के अधिकारी–कर्मचारी, तथा विभिन्न थानों के जवानों सहित 200 से अधिक पुलिस कर्मियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।

इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रविन्द्र कुमार बोयट, एसडीओपी आगर मोतीलाल कुशवाहा, एसडीओपी सुसनेर देवनारायण यादव, डीएसपी लाइन रघुनाथ खातरकर, रक्षित निरीक्षक सपना परमार, सूबेदार जगदीश यादव, सूबेदार जितेंद्र शुक्ला तथा जिले के समस्त थाना प्रभारी व चौकी प्रभारी भी उपस्थित रहे।

आगर मालवा पुलिस CPR/BLS जैसे व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से पुलिस बल को अधिक सक्षम, कुशल और आपातकालीन परिस्थितियों में तैयार रखने हेतु निरंतर प्रयासरत है तथा समाज में सुरक्षित एवं संवेदनशील वातावरण के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है।

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