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आगर मालवा में POCSO, POSH और मानसिक स्वास्थ्य पर निर्भय कार्यशाला

लैंगिक अपराधों की रोकथाम और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रशिक्षण
POCSO व POSH अधिनियम की समझ बढ़ाने हेतु स्टेकहोल्डर कार्यशाला

मध्यप्रदेश/आगर मालवा/MKT LIVE NEWS(गिरिराज बंजारिया)। 27 सितंबर शनिवार को जिला आगर मालवा में पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार सिंह के निर्देशन में महिलाओं और बच्चों के संरक्षण एवं मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने हेतु "निर्भय कार्यक्रम" का आयोजन  सारंगपुर रोड स्थित मधुबन गार्डन में किया गया। यह कार्यशाला POCSO Act, POSH Act और Mental Health Act के विषयों पर आधारित थी, जिसका मुख्य उद्देश्य पुलिस अधिकारियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और संबंधित स्टेकहोल्डरों को लैंगिक अपराधों की रोकथाम, बाल अधिकार संरक्षण और मानसिक स्वास्थ्य के महत्व के प्रति प्रशिक्षित करना था।

कार्यक्रम का आयोजन जन साहस संस्था, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और पुलिस विभाग के संयुक्त प्रयास से किया गया। शुभारंभ समारोह में पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार सिंह ने बाल और महिला सुरक्षा, लैंगिक अपराधों की रोकथाम, और मानसिक स्वास्थ्य पर संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाने के महत्व पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने अधिकारियों को यह समझाया कि POCSO और POSH अधिनियम पुलिस को सशक्त बनाते हैं तथा मानसिक स्वास्थ्य पर प्रशिक्षण पीड़ितों के संरक्षण में निर्णायक भूमिका निभाता है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि अभिमन्यु-3 अभियान इसी उद्देश्य से संचालित किया जा रहा है, ताकि महिलाओं और बालिकाओं के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित हो सके और समाज में जागरूकता का विस्तार हो।

कार्यशाला में प्रथम सत्र जिला न्यायाधीश अमर कुमार शर्मा, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव अश्वनी सिंह, जिला विधिक सहायता अधिकारी फारूक अहमद सिद्दीकी, अनुविभागीय पुलिस अधिकारी आगर मोतीलाल कुशवाहा, वन स्टाफ सेंटर प्रशासक मनीषा चौबे सहित विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि और स्टेकहोल्डर उपस्थित रहे। जन साहस संस्था की ओर से क्लस्टर समन्वयक राजेन्द्र पिपलोदिया, जिला समन्वयक विनोद, प्रोफेशनल काउंसलर उर्मिला, काउंसलर प्रिया सोलंकी और ज्योति सूर्यवंशी ने प्रशिक्षण सत्रों में भाग लिया।

प्रशिक्षण के दौरान मास्टर ट्रेनर श्रीमती अनूपा ने POSH अधिनियम के प्रावधानों पर विस्तार से जानकारी दी। माननीय प्रथम सत्र न्यायाधीश श्री अमर कुमार शर्मा ने POCSO अधिनियम के प्रावधानों और न्यायिक दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला। वन स्टॉप सेंटर प्रशासक मनीषा चौबे ने One Stop Centre की सेवाओं एवं प्रक्रियाओं की जानकारी दी। उर्मिला ने मानसिक स्वास्थ्य और काउंसलिंग के महत्व पर सत्र आयोजित किया। इसके अतिरिक्त, महिला बाल विकास विभाग, बाल कल्याण समिति, वन स्टाफ सेंटर, अहिंसा वेलफेयर सोसाइटी, महावीर सेवा समिति और ममता यूनिसेफ संस्था के प्रतिनिधियों ने भी अपने अनुभव साझा किए।

कार्यशाला का संचालन राजेन्द्र पिपलोदिया ने किया और अंत में सभी प्रतिभागियों और प्रशिक्षकों को धन्यवाद ज्ञापन विनोद जोगचंद्र द्वारा प्रस्तुत किया गया। इस प्रकार का प्रशिक्षण कार्यक्रम बाल एवं महिला अधिकारों की सुरक्षा, लैंगिक अपराधों की रोकथाम और मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में पुलिस और सामाजिक संस्थाओं की भूमिका को मजबूत बनाता है।

कार्यक्रम के समापन अवसर पर पुलिस टीम द्वारा अभिमन्यु अभियान की रूपरेखा और इसके उद्देश्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। बताया गया कि इस अभियान का मुख्य लक्ष्य महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराधों की रोकथाम, जागरूकता फैलाना और समाज में सुरक्षित वातावरण का निर्माण करना है। इसके अंतर्गत जागरूकता कार्यक्रम, कार्यशालाएँ और सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से सुरक्षा के संदेश को प्रत्येक नागरिक तक पहुँचाया जा रहा है।

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