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पुलिस अधीक्षक कार्यालय में संपन्न हुआ सीपीआर प्रशिक्षण कार्यक्रम, जीवन रक्षा हेतु पुलिस कर्मियों को दिया गया आवश्यक प्रशिक्षण

सीपीआर प्रशिक्षण से आपका एक सही कदम, किसी की ज़िंदगी और एक परिवार की उम्मीद बन सकता है” — पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार सिंह

मध्यप्रदेश/आगर मालवा/MKT LIVE NEWS(गिरिराज बंजारिया)। पुलिस मुख्यालय भोपाल के निर्देशानुसार 3 नवंबर सोमवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय, आगर मालवा स्थित मीटिंग हॉल में सीपीआर (Cardio Pulmonary Resuscitation) प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।  इस कार्यक्रम का उद्देश्य  पुलिस बल को आपात स्थितियों में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया के लिए तैयार करना था, जिससे किसी की जान बचाने में पुलिस की भूमिका और भी सशक्त बन सके।

कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार सिंह ने डायल–112 वाहनों के सभी पायलटों व जिले के पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि — “किसी भी आपात स्थिति में यदि तुरंत सही कदम उठाया जाए तो कई अनमोल जिंदगियाँ बचाई जा सकती हैं। सीपीआर का ज्ञान प्रत्येक पुलिसकर्मी के लिए उतना ही आवश्यक है जितना कि प्राथमिक उपचार का।”

पुलिस अधीक्षक सिंह ने अपने उद्बोधन में “गोल्डन आवर” की अवधारणा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि — दुर्घटना या हृदय गति रुकने जैसी आपात स्थिति में शुरुआती एक घंटे का समय अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इस दौरान यदि सीपीआर जैसी प्रारंभिक चिकित्सीय प्रक्रिया समय पर दी जाए तो पीड़ित व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। उन्होंने पुलिस कर्मियों से अपेक्षा की कि वे सीपीआर प्रशिक्षण को गंभीरता से सीखें और जनता की सेवा में तत्पर रहें।

प्रशिक्षण के दौरान पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार सिंह ने स्वयं चिकित्सा दल की उपस्थिति में सीपीआर प्रक्रिया का डेमो देकर उसके सही तरीके को practically जाना एवं उपस्थित पुलिस कर्मियों को प्रेरित किया कि वे भी इस तकनीक को सही विधि से सीखें ताकि आपातकाल में तत्परता से किसी की जान बचा सकें।

इसके पश्चात जिला चिकित्सालय आगर से आए डॉ. सरदार एस्के, डॉ. मानव गोयल एवं वार्ड बॉय पवन शर्मा द्वारा सीपीआर देने की विधि, आवश्यक सावधानियाँ एवं आपातकालीन परिस्थितियों में इसके महत्व के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। चिकित्सा दल द्वारा सीपीआर प्रक्रिया का डेमो (प्रदर्शन) भी किया गया, जिसमें प्रतिभागियों को व्यावहारिक रूप से यह सिखाया गया कि — किस प्रकार से छाती को दबाने, साँस देने एवं धड़कन पुनः शुरू कराने की प्रक्रिया को सही तरीके से अपनाया जाता है।

कार्यक्रम में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रविन्द्र कुमार बोयट ने भी अपने विचार साझा करते हुए कहा कि — इस प्रकार के प्रशिक्षण पुलिस बल की आपातकालीन प्रतिक्रिया क्षमता को सुदृढ़ करते हैं और यह आवश्यक है कि प्रत्येक कर्मचारी इस तकनीक में दक्ष हो।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में निरीक्षक अनिल कुमार मालवीय, यातायात सूबेदार जगदीश यादव, उप निरीक्षक मानसिंह परमार सहित जिले के डायल–20 पायलट एवं पुलिस अधिकारी–कर्मचारी सहित 50 से अधिक संख्या में उपस्थित रहे।

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