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जीवन का मूल आधार गायमाता ही है-स्वामी गोपालानंद सरस्वती

मध्यप्रदेश:आगर मालवा/सुसनेर-MKT LIVE NEWS(गिरिराज बंजारिया)। मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित गो रक्षा वर्ष के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा  द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में  चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 196 वे दिवस पर श्रोताओं को संबोधित  करते हुए बताया कि गायमाता के बिना पूरी की पूरी सृष्टि नहीं चल सकती । गायमाता नहीं है तो जल की व्यवस्था बिगड़ जाएगी,सरोवर में भरा जल अपवित्र होने लगेगा और गो के बिना वर्षा सम्भव नहीं है,,जिसका हमारे धर्म ग्रंथों एवं विज्ञान में भी उल्लेख है कि गो से  घृत  प्राप्त होता है,घृत से अग्नि में आहुति लगती है और आहुति से वायु मंडल पवित्र होता है और देवता प्रसन्न होते है,देवता प्रसन्न होकर वायुमंडल की पवित्रता के साथ वर्षा करते है , वर्षा से कृषि होती है,कृषि से जीवन चलता है अर्थात् जीवन का मूल आधार गायमाता  ही है। इस थल की पवित्रता,पृथ्वी की पवित्रता और प्रकृति का पौषण भी गायमाता से ही होता है अर्थात गायमाता का गोबर अगर धरती माता को नहीं मिले तो धरती कमजोर हो जाती है और उसकी उर्वरा शक्ति को खो देती है ,इसी प्रकार नभ की बात करें तो आकाश की शुद्धता गोमाता से ही है,गायमाता के कारण उसके आस पास का क्षेत्र पवित्र हो जाता है और जब गायमाता रंभाती है और वह मां.....बोलती है,तो उसके रंभाने से दो काम हो जाते है एक तो वायुमंडल की शुद्धता और साथ ही साथ जिस घर में गायमाता की हुंकार  करने मात्र से उस घर की दरिद्रता दूर हो जाती है और हमारे धर्म ग्रंथों  में भी वर्णन आता है कि भगवती  गोमाता जिसकी भूमिका पृथ्वी के संचालन में बहुत महत्त्वपूर्ण है और कही तरीको से वह धरती के भार को धारण करती है,ऐसी गोमाता का प्रगट होना आनन्द देने वाला है। 
गो कृपा कथा के 196 वें दिवस पर सोहन विश्वकर्मा क्षेत्र गो रक्षा प्रमुख विश्व हिन्दू परिषद् मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ राज्य व बाल कृष्ण गोशाला बंबोरी तहसील छीपा बडौद ज़िला बारां से रामदयाल एवं बाबूलाल अतिथि उपस्थित रहें।

196 वे दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश से
 
एक वर्षीय गोकृपा कथा के 196 वें दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले की जीरापुर तहसील के भगोरा ग्राम की और से समस्त ग्राम की और से अपने ग्राम ,नगर,राज्य एवं देश के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए  चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।

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